राजनीति की पाठशाला-रिपब्लिक - दो शीर्ष
राजनीतिक दल राष्ट्रीय जनता दल- RJD एवं भारतीय जनता पार्टी-BJP के द्वारा
दिए गए माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग के लोकसभा
उम्मीदवारों की संख्या एवं उम्मीदवारी के प्रतिशत के बारे में समीक्षा रिपोर्ट।
इस
समीक्षा रिपोर्ट एपिसोड में समीक्षा उस गठबंधन की जिसने दिया माइनॉरिटी
मुस्लिम वर्ग को समुचित हिस्सेदारी एवं उसकी जिसने
की हकमारी। इस समीक्षा रिपोर्ट
एपिसोड में
समीक्षा RJD एवं BJP से माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग को मिले
समुचित हिस्सेदारी एवं हुयी हकमारी की।
माइनॉरिटी
मुस्लिम वर्ग वार समीक्षा के इस सीरीज में पड़ताल RJD के माय-बाप की पार्टी होने की
दावों की, साथ ही साथ सबका साथ, सबका विकास
और सबका विश्वास नारा देने वाली भाजपा की ।
इस समीक्षा रिपोर्ट
एपिसोड में समीक्षा बिहार के उन लोकसभा
क्षेत्रों एवं उनकी संख्या की जहा से राजद एवं भाजपा के माइनॉरिटी
मुस्लिम वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं ।
पड़ताल
दोनों पार्टियों द्वारा अपने- अपने सीटों में से माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग को दिए गए
उम्मीदवारी की, साथ- साथ हीं पार्टियों के
सीट पर माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग के बनते हिस्सेदारी की।पड़ताल दोनों पार्टियों के द्वारा
अपने -अपने
सीटों में से माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग को दिए गए हिस्सेदारी एवं आबादी की।
माइनॉरिटी मुस्लिम समाज बाहुल्य वाला लोक सभा क्षेत्रों में 65.2 % मतदाताओं के साथ किशनगंज का पहला स्थान है, वहीँ दूसरे स्थान पर अररिया है जहा के मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 39.7 % है। तीसरे माइनॉरिटी मुस्लिम समाज बाहुल्य वाला लोक सभा क्षेत्र कटिहार है जहाँ के मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 41.6 % है।
कटिहार
में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 41.6 %
तो वहीँ अररिया में 39.7 % है, फिर भी अररिया दूसरे तो कटिहार तीसरे स्थान पर
है। अररिया में कुल मतदाताओं की संख्या
अधिक होने के कारन मुस्लिम समाज के मतदाताओं
की संख्या कटिहार से करीब 35,000 ज्यादा है ।
मधुबनी में मुस्लिम
मतदाताओं की आबादी 24.1 % , पूर्णिया में
23.3 %, सीतामढ़ी में 21.1 %, पश्चिम चम्पारण में 22.7 % एवं दरभंगा में 21.1 % है। मुस्लिम मतदाताओं
की कुल संख्या के अनुसार मधुबनी चौथे,
पूर्णिया पांचवें, सीतामढ़ी छठवें, पश्चिम चम्पारण सातवें, दरभंगा आठवें नंबर का मुस्लिम समाज बाहुल्य वाला लोक सभा क्षेत्र है। माइनॉरिटी
मुस्लिम वर्ग के 17.70 % आबादी के अनुसार 07
लोकसभा क्षेत्र पर दाबा बनता है, परन्तु उन्हें मिले 04 लोकसभा क्षेत्र
के टिकट से संतोष करना पड़ रहा है।
बिहार के कुल 40 लोक सभा क्षेत्रों में राजद 23 तो वही भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। RJD एवं BJP पार्टी द्वारा विभिन्न वर्गों के उम्मीदवार चुनावी प्रत्याशी बनाये गए हैं। माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग 17.70 % आबादी के साथ बिहार कि चौथी बड़ी आबादी वाला वर्ग है। राजद एवं भाजपा ने 04 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 05 माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है ।
17.70
% आबादी वाले माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग का राजद के 23 सीटों में से 04 सीटों एवं भाजपा
के 17 सीटों में से 3 सीटों पर दावा बनता हैं । राजद ने माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग को
दावेदारी से 02 सीटें कम दी है
तो वहीँ भाजपा ने 03 सीटों के दाबों के विरुद्ध एक भी सीट नहीं दिया है।
माइनॉरिटी
मुस्लिम वर्ग को राजद ने अपने 23 सीटों में से 02 सीट अर्थात 09 % टिकट दिया है तो
वहीँ भाजपा अपने 17 सीटों में से 0 सीट अर्थात 0 % टिकट दिया है।
आईये हम जानते हैं राष्ट्रीय जनता दल की ओर उतारे गए के 02 माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग के उम्मीदवारों के बारे में - राजद के द्वारा मधुबनी संसदीय क्षेत्र से माइनॉरिटी मुस्लिम प्रत्याशी मो. अली अशरफ फातमी को उम्मीदवार बनाया गया है। मो. अली अशरफ फातमी लोक सभा में 04 बार निर्वाचित हो कर दरभंगा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं एवं मनमोहन सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री का दायित्व भी संभाला है ।
राजद के द्वारा अररिया संसदीय क्षेत्र
से माइनॉरिटी मुस्लिम प्रत्याशी मो. शाहनवाज़
आलम को उम्मीदवार बनाया गया है। मो. शाहनवाज़ आलम वर्तमान में जोकीहाट के विधायक हैं
एवं पूर्व सांसद एवं केंद्रीय मंत्री मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं।
साथ सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास नारा देने वाली भाजपा ने 17.70 % आबादी वाले माइनॉरिटी मुस्लिम वर्ग से एक भी उम्मीदवार नहीं दे कर अपने ही नारे पर सवालिया निशान खड़ा किया है।
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संजय
कुमार
राजनीतिक
विश्लेषक